मुर्गे और मछलियों के अपशिष्ट से वातावरण दूषित, लोगों का सांस लेना दुश्वार

कोरबा 30 मार्च। चिकन और मछली कारोबारियों की हरकत ने कोल डायवर्सन रोड के आसपास के निवासियों को परेशान कर रखा है। उनके द्वारा जीव जंतुओं का अपशिष्ट यहां फेंकने से वातावरण दूषित हो रहा है। लोगों को इन हालातों में सांस लेना भी दुश्वार हो गया है। अव्यवस्था पर नियंत्रण नहीं होने से नागरिक काफी नाराज है।

पिछले कई महीने से इस समस्या ने मुड़ापार एसईसीएल बैरियर के आसपास के लोगों को बेहद परेशान कर रखा है। नगर निगम के नेहरू नगर वार्ड के अंतर्गत आने वाली जमीन का दुरुपयोग नजदीक में संचालित हो रही मांस और मछली की दुकान के कारोबारीयों के द्वारा किया जा रहा है जहां पर वह अपने यहां से हर रोज निकलने वाले जीव जंतुओं के अपशिष्ट को फेकने के साथ अपनी बला टाल रहे है। उनकी इस हरकत से असली परेशानी यहां के निवासियों के साथ-साथ इस रास्ते से आवागमन करने वाले एसईसीएल के कर्मचारी स्कूल के छात्रों शिक्षकों और आम लोगों को हो रही है। हवा चलने पर यहां से उठने वाली दुर्गंध आसपास के इलाके को जमकर प्रदूषित करती है। लोगों ने बताया कि ना तो दोषियों पर कार्रवाई हो रही है और ना ही यहां की विकराल स्थिति को ठीक करने के लिए ध्यान दिया जा रहा है। नागरिक चाहते हैं कि जिस संस्थाओं ने संबंधित कारोबारी को कारोबार करने के लिए लाइसेंस दिया हुआ है उन्हें यह भी करना चाहिए कि दुकान से निकलने वाले सामान को किस तरीके से नष्ट किया जाए। नागरिकों ने पूछा है कि क्या नगर निगम या दूसरी संस्था ने ऐसे कारोबारी को जन स्वास्थ्य का खतरा पैदा करने का लाइसेंस दे रखा है। गर्मी के मौसम में वैसे ही अलग-अलग कर्म से महामारी फैलने की आशंका बनी होती है इस स्थिति में मौजूदा समस्या लोगों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। लोग चाहते हैं कि नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारी आम लोगों से जुड़े हुए इस मसले को गंभीरता से लेने के साथ समाधान करने के लिए दिलचस्पी लेंगे।

इस रास्ते पर प्रदूषण की यह समस्या इस कदर विकराल हो चुकी है कि आवाजाही करने वाला वर्ग दो विकल्पों पर अमल करने को मजबूर है। लोगों को या तो मुंह ढंककर चलना होता है या फिर इलाके को पार करने के लिए कुछ देर सांस रोकना पड़ता है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि अनेक मौकों पर उन्होंने कई लोगों को दौड़ते हुए प्रभावित क्षेत्र की दूरी पात करते हुए देखा है। इतना सबकुछ होने पर भी यह समस्या जिले के माननीयों और अधिकारियों को नहीं दिख रही है।

Spread the word