डॉ संगीता परमानंद ने राष्ट्रपति को आदिवासी विमर्शक ग्रँथ भेंट किया
कोरबा 20 मई। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ संगीता परमानंद ने राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति आदरणीय द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।इस अवसर पर डॉ संगीता ने अपना जनजातीय विमर्शक शोध ग्रँथ *प्रकृति उपासक उराँव”* राष्ट्रपति को सादर भेट किया। छतीसगढ़ प्रान्त की उराँव जनजाति के समग्र आयामो को स्पर्शित डॉ संगीता परमानंद का यह शोध ग्रँथ हिंदी में उपलब्ध प्रथम ग्रँथ है। महामहिम के साथ इस ग्रँथ विषयी विस्तृत चर्चा के साथ डॉ संगीता ने अपनी दो अन्य कृतियां *वारी भक्ति शक्ति का अदभुत संगम*(पंढरपुर की विश्व प्रसिद्ध वारी यात्रा विषयी हिंदी भाषायी प्रथम ग्रँथ), वीवा इक्कीसवीं सदी के इक्कीस नव्य विमर्श (अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य सम्मान प्राप्त) भी आदरणीया को सादर भेट की। महामहिम ने जनजातीय विमर्शक ग्रँथ की प्रशंसा करते हुए साहित्य क्षेत्र में इसे उपयोगी बताया। छ. ग. राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय पाठक ने डॉ संगीता परमानंद की इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं एवम प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि महामहिम द्वारा डॉ संगीता की आदिवासी विमर्शक विषयक कृतियों में रुचि लेकर, उनसे भेट मुलाकात का समय लेकर उन्होंने साहित्य और संस्कृति के प्रति उदार हृदय का परिचय दिया है। विकलांग विमर्श पर समाजशास्त्र में प्रथम डॉक्टरेट करने वाली डॉ संगीता, उराँव पर महत्वपूर्ण शोध कर यशस्वी रही है, जिसकी प्रशंसा राष्ट्रपति महोदया ने भेट के दरमियान प्रकट की।अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद, तुलसी साहित्य अकादमी, प्रयास प्रकाशन आदि साहित्यिक संस्थाओ सहित छतीसगढ़ के साहित्यकारों ने डॉ संगीता परमानंद को शुभकामनाएं एवम प्रसन्ता व्यक्त की।