निरंकुश हाथियों ने फिर दो ग्रामीणों को किया बेघर
कोरबा 18 अप्रैल। वन विभाग के अधिकारियों को अब तक समझ में ही नहीं आ सका है कि आखिर हाथियों के उत्पात की समस्या को आखिर कैसे कंट्रोल किया जाए। पसान वन परिक्षेत्र में एक बार फिर निरंकुश साथियों ने हमला बोला और 2 ग्रामीणों के घरों को तहस.नहस कर दिया। यहां पर जनहानि तो नहीं हुई लेकिन प्रभावित लोगों के सामने समस्या है कि टूटे हुए घर का आखिर क्या करें।
कोरबा जिले के कटघोरा फॉरेस्ट डिविजन के अंतर्गत यह घटना पिछले रात्रि हुई। पसान रेंज को इसका केंद्र बताया गया। जो जानकारी मिली है उसमें कहा गया कि लवलीपारा में हाथी का हमला रात्रि को हुआं। यहां रहने वाले राम प्रसाद पिता सुधर के मकान को हाथियों ने टारगेट किया और कुछ ही देर में अपने वजनी पैरों का उपयोग करते हुए उसे क्षतिग्रस्त कर दिया । इससे पहले हाथियों की चिघाड़ से ग्रामीण सतर्क हो चुके थे और उन्होंने खुद को सुरक्षित स्थान की तरफ पहुंचाया। बताया गया कि इस गांव में हाथियों के द्वारा एक जगह पर रखें धान की फसल को भी चट कर दिया गया। पसान रेंज में ही वनमुदा गांव में हाथी के हमले में धन सिंह पिता धँसराम के कच्चे मकान को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया। देवयोग से परिवार के सदस्यों ने पहले ही कही और आश्रय लिया थाए इसलिए उनके जीवन पर आंच नही आ सकी। इन सबके बावजूद दोनों इलाकों में हाथियों के उत्पात की घटना ने ग्रामीणों को बुरी तरह से भयभीत कर दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर इन समस्याओं का सामना और कितने वर्षों तक करना पड़ेगा ।
कोरबा जिले में एक दशक से भी ज्यादा समय से हाथियों के प्रवेश और उत्पात मचाने की समस्या बनी हुई है। ऐसी घटनाओं में लोगों की मौत हो रही है । वह जख्मी हो रहे हैं और उनकी संपत्ति को भी नुकसान हो रहा है। प्रभावित इलाकों में ना केवल भय बना हुआ है बल्कि पुरानी घटनाओं की कड़वी यादेए पीड़ा और डरावनी तस्वीर लोगों के मस्तिष्क में बनी हुई हैं। किसी भी तरफ से हाथी के आने की भनक लगने पर ग्रामीण इस चिंता में पड़ जाते हैं कि पता नहीं अब उनका क्या होगा। इस समस्या के चक्कर में प्रभावित इलाके के काफी लोग अनिद्रा और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों की चपेट में भी आ गए हैं। कुल मिलाकर हाथियों से जुड़ा मसला इन लोगों के लिए ठीक ऐसे ही है कि आखिर यह रात खत्म कब होगी और सुबह कब आएगी।