विवाद के चक्कर में कुसमुंडा तरदा फोरलेन का काम ठप्प

भारी वाहनों के दबाव से बढ़ी प्रदूषण की समस्या, लोग परेशान

कोरबा 7 मार्च। लोगों को राहत देने के साथ भारी वाहनों के परिचालन के कारण हो रही समस्या का हल खोजने के लिए निर्माणाधीन इमलीछापर-कुसमुंडा.तरदा फोरलेन का काम आखिरकार बंद हो गया। कामकाज के साथ-साथ इस रास्ते पर पानी का छिड़काव भी स्वाभाविक रूप से बंद कर दिया गया। अब रास्ते से वाहनों की आवाजाही के कारण आम जनता धूल खाने को मजबूर हैं। इस पूरे मार्ग का नजारा आज सुबह से देखने लायक रहा। मौजूदा समस्या को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि मंत्री और कलेक्टर के बीच अनबन होने के कारण इस तरह की परिस्थितियां पैदा हो रही ही है।

200 करोड़ रुपए की लागत से इस फोरलेन को तैयार किया जाना है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कुसमुंडा क्षेत्र के द्वारा सीएसआर के अंतर्गत इतनी राशि प्रशासन को उपलब्ध कराई है। बीते वर्ष इस काम के लिए भूमिपूजन किया गया और कार्य एजेंसी महाराष्ट्र के नागपुर की एसएमएस प्राइवेट लिमिटेड तय की गई। टेंडर की प्रक्रिया के साथ काम आगे बढ़ चुका है। कामकाज के लिए कई प्रकार के पैरामीटर्स बनाये गए हैं और इसके अंतर्गत संबंधित रास्ते को तैयार करने के साथ अनेक परिवर्तन भी किये जाने हैं। प्राथमिक रूप से चल रहे कामकाज के बीच कई ऐसे मसले सामने आए जिसने कुल मिलाकर हालात को प्रतिकूल कर दिया। इसके चक्कर में आखिरकार फोरलेन का निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप हो गया। इस पर आधारित दूसरे कार्यों को भी बंद कर दिया गया। इस रास्ते से होकर चलने वाली एसईसीएल के भारी वाहनों सहित अन्य वाहनों से गर्द गुबार लगातार वातावरण को प्रभावित कर रहा है। इसके नतीजन सबसे बड़ी कीमत आम लोगों को चुकानी पड़ रही है। वायु प्रदूषण की स्थिति पूरे मार्ग पर इस कदर विकराल हो गई है कि गर्मी के सीजन में यहां दृष्यता कम होने से भयावह हालात निर्मित हो रहे हैं और आवाजाही में समस्याएं पैदा हो रही है। वहीं उपरोक्त कारणों से छोटे वाहन चालकों के साथ.साथ आम लोगों को यहां से पार होने में मुश्किलों से दो-चार होना पड़ रहा है। यहां से आवाजाही कर रहे लोगों ने बताया कि निर्माण कार्य प्रारंभ होने के कुछ समय बाद समस्याएं बताने और दबाव बनाने पर आनन-फानन में एजेंसी के द्वारा पानी का छिड़काव करने की व्यवस्था की गई। इससे धूल उडऩे की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित किया गया। ऐसे में लोगों को राहत मिली। वर्तमान में पानी का छिड़काव बंद कर देने से फिर पुरानी तस्वीर पैदा हो गई है। लोग चिंतित हैं कि इस रास्ते से होकर गुजरने के चक्कर में जन स्वास्थ्य का खतरा जरूर पैदा होगा।

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