चाय बोर्ड का बड़ा फैसला, आयातकों के लिए मिलावट सम्बन्धी दिशा-निर्देश जारी
नईदिल्ली 12 नवम्बर। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करने वाले चाय बोर्ड ने उम्दा घरेलू चाय में घटिया चाय को मिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के निर्देशों के अनुसार, दार्जिलिंग जीआई की सुरक्षा के लिए चाय विपणन नियंत्रण आदेश, 2003, चाय ( वितरण एवं निर्यात) नियंत्रण आदेश, 2005 के तहत 11 नवंबर को चाय बोर्ड द्वारा चार परिपत्र जारी किए गए हैं। इन नियमों को नहीं मानने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद अब घटिया आयातित चाय घरेलू स्वादिष्ट चाय का स्वाद नहीं बिगाड़ सकेगी।
1) इस विषय में चाय बोर्ड ने कहा है कि किसी भी चाय विक्रेता को दार्जिलिंग, कांगड़ा, असम व नीलगिरि की उम्दा चाय में आयातित चाय की मिलावट की अनुमति नहीं होगी। साथ ही साथ सभी चाय आयातकों को अपने बिक्री बिल पर यह भी बताना होगा कि उन्होंने किस देश से आयात किया है। आयातित चाय को भारतीय चाय बताकर उसकी बिक्री की भी पूरी मनाही होगी।
2) बोर्ड ने चाय के सभी वितरकों को निर्देश दिया गया है कि घरेलू खपत के लिए उत्तम गुणवत्ता वाली भारतीय चाय में निम्न गुणवत्ता वाली विदेशी चाय की मिलावट बंद करें। वहीं, दार्जिलिंग चाय के उत्पादकों से कहा गया है कि वे भौगोलिक पहचान (जीआइ) वाले एरिया से बाहर की ग्रीन लीफ चाय की खरीदारी नहीं करें। इस नियम के सख्ती से पालन के लिए चाय बोर्ड की तरफ से चाय विक्रेता व वितरकों के यहां से नमूने लेने का काम शुरू हो गया है।
क्या था मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि चाय बोर्ड को दार्जिलिंग व असम चाय में नेपाल से आयातित चाय की मिलावट और बिक्री की शिकायत मिली थी। जिसके बाद बोर्ड ने कहा कि बाजार में इन दिनों चाय के आयात में बड़ी बढ़ोतरी हो रही है जो घरेलू चाय उद्योग को प्रभावित कर रही है, लेकिन यह सही नहीं है।
बताना चाहेंगे कि भारत में चाय के आयात की मात्रा बहुत अधिक नहीं है। देश जितनी चाय का उत्पादन करता है, उसका महज दो प्रतिशत हिस्सा आयात किया जाता है। चाय आयात का मुख्य उद्देश्य दोबारा निर्यात करना रहता है। हालांकि, उसका बड़ी मात्रा में घरेलू चाय में मिलावट के लिए भी उपयोग किया जा रहा है।