हिंसक जानवर आने की खबर से पुलिस पहुंची तो आंगन में मिला मगरमच्छ
कोरबा 8 नवम्बर। आधी रात को हिंसक जंगली जानवर तेंदुआ या बाघ के घर में घुस आने की सूचना भयाक्रांत गृहस्वामी द्वारा दिए जाने पर डायल 112 में पहुंची पुलिस तो आंगन में 8 फीट लंबा विशालकाय मगरमच्छ मिला। जिसे रेस्क्यू कर पेड़ में बांध दिया गया। आज सुबह उसे वन विभाग द्वारा खूंटाघाट जलाशय में सुरक्षित छोड़ दिया गया।
जानकारी के अनुसार पाली थाना में रात्रि 1.30 बजे के लगभग नाइट शिफ्ट में प्रधान आरक्षक अश्वनी निरंकारी अपने मातहतों के साथ कर्तव्य निर्वहन में व्यस्त थे। उसी समय पाली थाना से 15 किमी दूर ग्राम पंचायत परसदा के आश्रित ग्राम सिल्ली निवासी रामप्रसाद रोहिदास उम्र 40 एवं उसके पड़ोसी ने मोबाइल से पाली थाना के डायल 112 को सूचना दिया कि उसके घर में हिंसक जंगली जानवर घुस गया है। जिसके सांस लेने की आवाज से पूरे परिवार के लोग भयभीत होकर अपने.अपने कमरे से निकलकर इधर.उधर भागते हुए पड़ोसियों के घर शरण ले रखे हैं। रात में जंगली जानवर कुछ भी भयावह अप्रिय हादसा कर सकता है। इसलिए जल्दी से जल्दी पुलिस विभाग के मदद की जरूरत है।
बताया जाता है कि इस सूचना के बाद प्रधान आरक्षक निरंकारी ने वन विभाग के अमले को भी सूचना दिया। लेकिन पाली स्थित वन विभाग के अधिकारी.कर्मचारी जब किसी तरह का संतोषजनक उत्तर नहीं दिए। जिसके बाद प्रधान आरक्षक निरंकारी अपने मातहत आरक्षक अमित कुर्रेए व संजू श्रीवास को लेकर डायल 112 से रात्रि 2 बजे के लगभग घटना स्थल पहुंचे। वहां टॉर्च की रोशनी जलाकर देखा गया तो 8 फीट लंबा विशालकाय मगरमच्छ आंगन में विचरण कर रहा था। जिसे जान पर खेलकर प्रधान आरक्षक ने मोटे रस्से का फंदा बनाकर उसे फंसाया और पास स्थित एक पेड़ में घसीटकर ले जाकर बांध दिया। जिसके बाद रोहिदास परिवार एवं उसके पड़ोसियों ने राहत की सांस ली। आज सुबह वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ग्राम सिल्ली पहुंचे तो पाली पुलिस ने उक्त मगरमच्छ को उन्हें सौंप दिया। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किये गए मगरगच्छ को खूंटाघाट जलाशय में छोड़ दिया गया।
ग्राम पंचायत परसदा सिल्ली में इन दिनों विरेंद्र सिदार सरपंच है जबकि उसी गांव में वहां का कोटवार रवि महंत भी निवासरत है। इन दोनों को प्रभावित परिवार रामप्रसाद रोहिदास एवं पड़ोसियों द्वारा बार-बार मदद एवं पुलिस तथा वन विभाग को सूचना दिए जाने की गुहार लगाए जाने के बाद भी उसे अनसुना कर दिया। जिससे कि इन दोनों की लापरवाही उजागर होने की जानकारी परिलक्षित होती है। वहीं आज सुबह मगरमच्छ को वन विभाग के अधिकारियों को सौंपने के समय ये दोनों वहां विलंब से पहुंचने के बाद भी अपने को जागरूक होने का स्वयं ही लोगों को प्रमाण दे रहे थे।