कोरबा: मानवता की मिसाल बन डायल 112 के जवान

कोरबा 15 जुलाई । बुधवार की रात गर्भवती अनीता के लिए जवान फरिश्ता बनकर सामने आये। दर्द से तड़पती अनीता की खाट को कंधे में टांगकर जवान ना सिर्फ घंटों पैदल चले, बल्कि वक्त पर अस्पताल भी पहुंचाया। मानवता के लिए मिसाल बने ये जवान कोरबा में डायल 112 के हैं। जवानों को इस बात की खबर मिली थी कि वनांचल ग्राम पसान के सड़क विहीन गाँव में प्रसवपीड़ा से एक महिला तड़प रही है। सूचना पर बिना वक्त गंवाये जवान मदद के लिए आगे आये, लेकिन मुसीबत ये थी कि जाने के लिए पगड़ंडी के अलावे कोई रास्त नहीं था, लिहाजा पैदल ही जवानों को पहले तो गर्भवती तक पहुंचना पड़ा और फिर पैदल ही उसे लेकर आना पड़ा। अंधेरी रात में जवानों ने करीब 2 किलोमीटर तक पैदल ही खाट को कंधे पर टांगकर महिला को अस्पताल पहुंचाया। अब जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ है।

उल्लेखनीय है कि कोरबा के नवपदस्थ एसपी भोजराम पटेल ने डायल 112 के जवानों को ग्राउंड जीरो पर क्विक रिएक्शन के साथ रिस्पांस कर आम लोगो की मदद कर भरोसा जितने की बात कही थी। कोरबा एसपी के इस निर्देश का असर अब वनांचल में दिखने लगा है। दरअसल पूरा मामला वनांचल क्षेत्र पसान का है। यहां आपात हालात में एक प्रसव पीड़ा की तकलीफ से जूझ रही महिला को डायल 112 के जवानों ने 2 किलोमीटर तक पैदल खाट में उठाकर जंगल का सफर तय कर महिला की जान बचाई है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर के अनुसार बुधवार की रात डायल 112 टीम को रात करीब 8 बजे इवेंट मिला था कि धुर वनांचल पुटीपखना सुखाबहरा में अनीता बाई उईके नामक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही है, और तत्काल उपचार की आवश्यकता है। इवेंट मिलते ही आरक्षक लालचंद पटेल और चालक विनय पाल मौके के लिए रवाना हो गए। लेकिन गाँव तक का रास्ता सही नही होने के कारण करीब 2 किलो मीटर पहले ही उनका वाहन खराब रास्ते मे फंस गया और आगे नही बढ़ सका। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरक्षक लालचंद पटेल और चालक पैदल ही जंगल के रास्ते गांव के लिए रवाना हो गए। गाँव मे पहुचकर उन्होंने देखा कि अनिता प्रसव पीड़ा से तड़प रही है और उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। महिला को डायल 112 के जवानों ने 2 किलोमीटर तक पैदल खाट में उठाकर जंगल का सफर तय कर महिला की जान बचाई है।

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