कोयला और डी एम एफ के बाद राखड़ घोटाले पर ईडी की रेड
कोयला और डी एम एफ के बाद राखड़ घोटाले पर ईडी की रेड
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर खोला ईडी के खिलाफ मोर्चा
कोरबा 28 मार्च।छत्तीसगढ़ के कोरबा में मंगलवार को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने एक बार फिर रेड कार्रवाई की है। इस बार बिजली घरों से राखड़ परिवहन करने वाली एक कंपनी के दफ्तर में छानबीन की जा रही है। कोरबा जिले में कोयला घोटाला और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड अर्थात डीएम एफ़ घोटाले के बाद अरबों रुपयों के राखड़ घोटाले की परतें अब प्याज के छिलकों की तरह एक के बाद एक उधड़ने की बारी आ गई है।
परिवहन व्यवसाय से जुड़े सूत्रों के अनुसार वेदांत समूह के भारत अल्युमिनियम कंपनी बाल्को और लैंको अमरकंटक पावर प्रोजेक्ट के बिजली घरों से राखड़ परिवहन का कार्य करने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनी ब्लैक स्मिथ के कोरबा स्थित घंटाघर के समीप महाराणा प्रताप नगर के दफ्तर में जांच कार्रवाई चल रही है।
आपको बताते चले कि इससे पहले भी कोरबा जिले में कोयला घोटाला और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड अर्थात डीएम एफ़ घोटाले को लेकर ईडी ने छापामार कार्रवाई की थी। कोयला घोटाला के मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया और करीबी नेता सूर्यकांत तिवारी, एक आई ए एस अधिकारी सहित कई लोग सेंट्रल जेल रायपुर में निरुद्ध है। पिछले महीने ही ईडी की टीम ने कलेक्टर कार्यालय में छापा मारकर डीएमएफ से संबंधित रिकॉर्ड जप्त किया था। इसी समय सौम्या चौरसिया की छोटी बहन के कोरबा स्थित ससुराल में भी ईडी ने जांच पड़ताल की थी। सूत्रों के अनुसार यहीं से ई डी को राखड़ घोटाले का सुराग मिला था।
सूत्रों का दावा है कि पिछले 4 वर्षों में अकेले कोरबा जिले के बिजली घरों से 500 करोड़ रुपयों से अधिक राशि खर्च कर राखड़ का परिवहन कराया गया है। राखड़ परिवहन के ठेके कथित रूप से उच्च स्तरीय राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव में बाजार दर से दोगुने से अधिक दर पर दिए गए हैं। गंभीर बात यह है कि परिवहन ठेकेदारों ने जिले के नदी नालों सहित समूचे वन क्षेत्र मे राखड़ डालकर जिले के पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को ही ईडी ने छत्तीसगढ़ के बड़े उद्योगपति कमल सारडा समेत कई अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश दी है। ईडी की यह कार्रवाई कोल मामले में चल रही जांच से जुड़ी बताई जा रहा है। खबर है कि ईडी की यह कार्रवाई रायपुर, भिलाई में चल रही है। बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा में भी टीम के मूवमेंट हैं.
बताया जा रहा है कि रायपुर में मंदिर हसौद के पास ग्राम बहनाकाड़ी के जमीन दलाल सुरेश बांदे और वीआईपी करिश्मा अपार्टमेंट में एक सीए के यहां भी ईडी ने दबिश दी है। इन सभी जगहों पर दबिश देकर ईडी के अधिकारी जरूरी दस्तावेज खंगाल रहे हैं।
जन चर्चा है कि राखड़ घोटाले में कई नेताओं की बेनामी भागीदारी है और हवाला का लेन देन है। मामले की तह तक पहुंचने के बाद ई डी के हाथ इस सिलसिले में सबूत तक पहुंच सकते हैं। आने वाले दिनों में कई नामचीन चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
दूसरी ओर मंगलवार की ED की कार्रवाई के खिलाफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा खोलते हुए कहा है कि देश में आज कल हर जगह CBI – ED छापे मार रही है। वहीं आज सुबह छत्तीसगढ़ में ED ने बिलासपुर समेत कई शहरों में छापेमारी की है। छापेमारी को लेकर प्रदेश में राजनितिक बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है। नेता उद्योगपति, चार्टर एकाउंटेंट सहित कई लोगों पर ईडी ने दबिश दी है। प्रदेश में कोयला कारोबारी सारडा ग्रुप, विधायक विनोद चंद्राकर और प्रापर्टी डीलर के घर ईडी की टीम ने मंगलवार को सुबह दबिश दी। रायपुर, दुर्ग- भिलाई, महासमुंद, बिलासपुर और रायगढ़ में ईडी की टीम पहुंची है। जहां कार्रवाई चल रही है। इधर ईडी के छापे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
ईडी की छापेमारी इस बार उद्योगपतियों के साथ-साथ नेताओं और अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ हुई है। छापेमारी के दौरान ईडी की दिल्ली और छत्तीसगढ़ की टीम शामिल है। पिछले छह महीने से ईडी की टीम कोयला परिवहन घोटाले की जांच कर रही है। इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लखनऊ के लिए रवाना होने से पहले छापे को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने कहा कि किसान, व्यापारी, नेता, अधिकारी, सब पर ईडी छापा मारती है, लेकिन अडानी पर ईडी छापा नहीं मारती है। नान घोटाला, चिटफंड और महादेव एप पर कार्रवाई नहीं करती है। जानकारी में ये बात आयी है कि महादेव एप सट्टा में भी कई भाजपा नेताओं के नाम हैं,इसलिए उसकी भी जांच नहीं होती। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के इशारे पर यह सब किया जा रहा है। ईडी को निष्पक्ष होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह के शब्दों में क्रोनोलाजी समझिए। राहुल गांधी के बोलने के सवाल के बाद मुकदमा दर्ज हो जाता है। अडानी के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं तो भाजपा के लोग कहते हैं कि हमारे खिलाफ कार्रवाई है। क्या अडानी ही भाजपा है। हालांकि हिडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ने खुद कहा था, यह भारत पर हमला है। इसका मतलब क्या समझा जाए।