विद्युत उत्पादन कंपनी के 428 जर्जर आवास को ध्वस्त करने के लिए अनुमति की प्रतीक्षा

कोरबा 16 फरवरी। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल की उत्पादन कंपनी के यहां स्थित 428 आवास अत्यंत जर्जर स्थिति में है। इनके चक्कर में अक्सर परेशानियां खड़ी हो रही है और प्रबंधन को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे आवासों को ध्वस्त करने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। इस पर रायपुर मुख्यालय की अनुमति की प्रतीक्षा की जा रही है।

बताया गया कि पिछले वर्ष परीक्षण करने के साथ ऐसे 428 आवासों की समग्र सूची रायपुर भेजी गई थी। इसमें अलग.अलग टाईप के आवास शामिल हैं। कोरबा में मध्यप्रदेश के समय सोवियत रूस के सहयोग से बनायी गई 200 मेगावाट विद्युत परियोजना के कर्मचारियों के लिए 60 के दशक में आवासों का निर्माण कराया गया था। 6दशक पुराने आवासों की अवधी बहुत पहले खत्म हो गई है और समय की मार झेलते हुए इनके साथ कई प्रकार की समस्या खड़ी हो गई। इसलिए आवासों के छज्जे लटकने के साथ गिर रहे हैं। भीतर के हिस्से छत का प्लास्टर भी धराशाही हो रहा है। बाहरी हिस्से में भी इसी तरह के खतरे बने हुए हैं। सीएसईबी कालोनी में इस तरह के सैकड़ों आवासों में गैर कर्मचारियों का अवैध रूप से कब्जा है जो पानी, बिजली की भी नि:शुल्क सुविधा प्राप्त कर रहे हैं।

दूसरी ओर ऐसे लोगों को यहां से हटाने के लिए सीएसईबी को हर महीने लीगल नोटिस के नाम पर काफी खर्च करना पड़ रहा है। सिविल विभाग के अधिकारी ने बताया कि इन पचड़ों से पीछा छुड़ाने के लिए ही हमने जर्जर आवासों को डिस्मेंटल करने की योजना बनायी है। प्रस्ताव को आगे भेज दिया गया है। तब से यह प्रक्रियाधीन है। जैसे ही वहां से अनुमति प्राप्त होती है टेंडर जारी करने के साथ ऐसे सभी समस्यामूलक आवासों को जमींदोज कर दिया जाएगा।

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