भू-विस्थापितो ने 17 फरवरी को तालाबंदी का किया ऐलान, दीपका जीएम ऑफिस में जड़ेंगे ताला

कोरबा 15 फरवरी। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक के कार्यालय में 17 फरवरी को तालाबंदी का ऐलान किया है। उन्होंने बताया हैं की दफ्तर के बाहर धरना भी देंगे और रोजगार के लंबित प्रकरणों में प्रभावितों को नौकरी देने की मांग करेंगे। मांगे पूरी नहीं होने पर 24 फरवरी को खदान बंदी आंदोलन की भी चेतावनी दी है। कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ाने एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, दीपका व गेवरा एरिया ने खदान का विस्तार किया है।इसके लिए कंपनी प्रबंधन ने खदान के आसपास के गांवों की जमीन का भी अधिग्रहण किया है।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि एसईसीएल दीपका एरिया ने साल 1986 में ग्राम चैनपुर, सुवाभोड़ी, सिरकी खुर्द, बेलटिकरी, झिंगटपुर, मलगांव, दीपका, रेकी, रतिजा के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन पात्र सभी भूविस्थापितों को कंपनी में रोजगार नहीं मिला जो इसका अधिकार भी रखते हैं। इसके लिए एसईसीएल प्रबंधन व भूविस्थापितों की बैठक भी हुई। लेकिन आज भी कई भूविस्थापित रोजगार से वंचित हैं।

बताया गया है कि 100 से अधिक भू-विस्थापितों के एसईसीएल दीपका में रोजगार के पुराने प्रकरण लंबित है। जिनकी जमीनें अधिग्रहण करने के बाद अब तक नौकरी नहीं दी गई है। इधर भूविस्थापित रोजगार एकता संघ की ओर से भी यह मांग की गई है कि एसईसीएल कुसमुंडा में रोजगार के पुराने लंबित प्रकरणों पर भूविस्थापितों को रोजगार मिले। संघ की ओर से जीएम कार्यालय कुसमुंडा के बाहर शांतिपूर्वक धरना भी दे रहे हैं। ये भू-विस्थापित खम्हरिया, जटराज, जेलपारा, बरपाली, बरकुटा, जरहाजेल, दुरपा, मनगांव, भैंसमाखार, जटराज के रहने वाले हैं। 125 भूविस्थापित करीब 25 साल पहले अर्जित भूमि पर रोजगार की मांग कर रहे हैं।

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