लंबे समय से टैक्स जमा नहीं करने वाले बड़े बकायेदारों की संपत्ति कुर्क करने नोटिस जारी

कोरबा 6 दिसम्बर। नगर निगम ने टैक्स वसूली में सख्ती करने का निर्णय लिया है। लंबे समय से टैक्स जमा नहीं करने वाले बड़े बकायेदारों की संपत्ति कुर्क करने नोटिस जारी करने के साथ ही उनका नाम भी सार्वजनिक किया जाएगा।

इस साल 35 करोड़ 29 लाख रुपए टैक्स वसूली की जानी है, जिसमें से 8 माह में 7 करोड़ 50 लाख वसूली हो पाई है। निगम के 67 वार्डों में 55 हजार 5 मकान और दुकान हैं, जहां से टैक्स की वसूली की जाती है। सार्वजनिक संस्थानों से भी टैक्स मिलता है, लेकिन स्लम बस्तियों से टैक्स वसूलना मुश्किल होता है। निगम टैक्स वसूली के लिए शिविर भी लगाती है। इस बार भी घर-.घर जाकर कर्मी टैक्स की वसूली करेंगे। अब 4 महीने में 25 करोड़ रुपए की वसूली करनी होगी। 5 लाख से ऊपर जिनका टैक्स बकाया है और लंबे समय से जमा नहीं कर रहे हैंए उन्हें ही संपत्ति कुर्की करने का नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है।

नोटिस के बाद भी टैक्स जमा नहीं होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निगम में फंड की कमी की वजह से 3 साल से निगम मद के कार्य ही मंजूर ही नहीं है। पार्षद निधि के काम भी कई वार्डों में नहीं हुआ है। नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल का कहना है कि किसी वार्ड में 1 साल का काम तो किसी वार्ड में 2 साल का काम बाकी है। पार्षद मद से मंच निर्माण, विद्युतीकरण, नाली निर्माण के प्रस्ताव दिए हैं। योजनाओं में मंजूर कार्य ही हो रहे हैं।14 साल से मकानों और दुकानों का नहीं हुआ सर्वे, निगम क्षेत्र के मकान और दुकानों का वर्ष 2008 में सर्वे किया था। उसके बाद से सर्वे ही नहीं हुआ है। उन्हीं लोगों का टैक्स में नाम जुड़ता है, जो लोग निगम से अनुमति लेकर मकान बनाते हैं। इसी वजह से निगम ने टैक्स बढ़ाने के लिए मकानों का सर्वे करने का निर्णय लिया है, पर प्रक्रिया नहीं बढ़ पाई है।

नगर निगम ने अलग-अलग क्षेत्रों में कांप्लेक्स और होटल बनाकर किराए पर दिया है। इनकी संख्या 1240 है। इनसे हर साल 2 करोड़ 86 लाख 47865 रुपए का किराया मिलता है, लेकिन पिछला बकाया ही दो करोड़ रुपए से अधिक पहुंच गया है। किराया वसूली करने के लिए दुकानों को सील किया जाता है। निगम टैक्स के रूप में संपत्ति कर, समेकित कर, जल कर, यूजर चार्ज की वसूली करती है। संपत्तिकर ही निगम को 13 करोड़ 26 लाख रुपए से अधिक की राशि मिलती है। निगम ने जलकर वसूली का काम निजी कंपनी को सौंपा है, पर मीटर रीडिंग और बिलिंग की गड़बड़ी की शिकायतों के कारण ही लोग जमा नहीं कर रहे हैं। निगम की आय अब बढ़ेगी।

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