आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी, बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का सफल रहा परीक्षण

नई दिल्ली 26 नवम्बर। भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। जहां सैनिकों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है, वहीं स्वदेशी रूप से हथियारों को भी विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम को आगे बढ़ाने के लिए भारत ने गुरुवार को बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का सफल परीक्षण किया है। दुनिया में मिसाइल के क्षेत्र में अग्रणी भारत के लिए यह सफल परीक्षण रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि सीरीज की यह बैलिस्टिक मिसाइल देश के मजबूत रक्षा तंत्र के निर्माण को नई ऊंचाई देगी।

एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से हुआ प्रक्षेपण

भारत ने बुधवार को ओडिशा के तट से दूर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का सफल परीक्षण करके अपनी मिसाइल शक्ति और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र में एक और कामयाबी हासिल की है। मिसाइल का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा और यह विभिन्न मानकों पर खरी उतरी। अग्नि-3 बैलिस्टिक मिसाइल 3,500 किलोमीटर दूर तक दुश्मनों के ठिकानों पर सटीक निशाना लगाकर उसे तबाह करने की ताकत रखती है। इसकी जद में पूरा पाकिस्तान और चीन का लगभग आधा हिस्सा आता है।

सामरिक रूप से काफी अहम

रक्षा मंत्रालय ने देर रात एक बयान में खुलासा किया कि इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि -3 का सफल प्रक्षेपण किया गया है। यह सामरिक बल कमांड के तत्वाधान में किए गए नियमित उपयोगकर्ता प्रशिक्षण का हिस्सा था। मिसाइल का प्रक्षेपण पूर्व निर्धारित सीमा के लिए किया गया था और सिस्टम के सभी परिचालन मापदंडों को मान्य किया गया। सफलतापूर्वक किया गया यह टेस्ट भारत के रूटीन यूजर ट्रेनिंग लॉन्च को स्ट्रेटेजिक फोर्सेस कमांड के निर्देशन में किया गया।

परमाणु हमला करने में सक्षम

परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-3 मिसाइल की लंबाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है। इतना ही नहीं, यह मिसाइल एक सेकेंड में पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय ने बयान में यह भी कहा कि मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 को 2011 में अग्नि-2 के उत्तराधिकारी के रूप में सेवा में शामिल किया गया था। अग्नि-3 की मारक क्षमता 3,000 से 5,000 किलोमीटर तक है। फायर के बाद यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन सहित कई पड़ोसी देशों के अंदर तक जाकर टारगेट को हिट कर सकती है। अग्नि-3 दो चरणों वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो परमाणु हमला करने में सक्षम है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने डिजाइन किया है। यह मिसाइल सॉफिस्टिकेटेड नेविगेशन, ऑनबोर्ड कंप्यूटर सिस्टम और गाइडेंस एवं कंट्रोल सिस्टम से लैस है।

10 साल में अग्नि-1 से अग्नि-5 तक पहुंचा भारत

भारत ने करीब 10 साल के फासले में अपनी ताकत अग्नि-1 मिसाइल से अग्नि-5 मिसाइल तक पहुंचा दी है। 2002 में सफल परीक्षण की रेखा पार करने वाली अग्नि-1 मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल थी। इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे। फिर इसके बाद अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें आईं। ये तीनों इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। इनकी मारक क्षमता 2000 से 3500 किलोमीटर है। अब भारत अग्नि-5 का उपयोगकर्ता परीक्षण कर रहा है। अग्नि-5 का पांचवां विकास परीक्षण 3 जून, 2018 को प्रातः 9 बजकर 48 मिनट पर किया गया था।

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