मनोकामना ज्योति कलश: देवी दरबार में घी ज्योत जलाने के लिए देने होंगे 300 रुपए ज्यादा

कोरबा 22 सितम्बर। नवरात्र में मां आदिशक्ति के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है। लोग अपने अपने स्तर पर देवी मां को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में लीन रहते हैं। कुछ भक्त ऐसे भी होते हैं, जो किसी मनोकामना के लिए तो कुछ ऐसे भी होते हैं, जो मनोकामना पूरी होने पर किसी न किसी देवी मंदिर में तेल या घी का ज्योत पूरे नवरात्र के दौरान जलवाते हैं। इस नवरात्र भी लोग देवी दरबारों में मनोकामना ज्योत के लिए रसीद कटवाने लगे हैं। शहर ही नहीं अंचल के लोगों में मां सर्वमंगला के प्रति लोगों की अधिक आस्था है। शहरी क्षेत्र से लगे होने के कारण इस मंदिर में सर्वाधिक लोगों के नाम मनोकामना ज्योत जलाए जाते हैं।

जिले में प्राचीन देवी मंदिरों के साथ एक दर्जन से अधिक देवी मां के मंदिर हैं, जहां नवरात्रि ज्योत जलवाए जाते हैं, लेकिन इस बार शारदीय नवरात्र में सभी देवी दरबारों में ज्योत कलश के लिए पूर्व निर्धारित दर पर ही तेल व घी के ज्योत के लिए रसीद काटी जा रही है। मां सर्वमंगला मंदिर में भी तेल ज्योत की पुरानी दर लागू है, लेकिन घी के मनोकामना ज्योत जलाना महंगा कर दिया गया है। मां सर्वमंगला मंदिर के राजपुरोहित नमन उर्फ नन्हा पाण्डेय ने बताया कि घृत ज्योति कलश जलवाने वाले श्रद्धालुओं को इस बार अधिक सहयोग राशि देनी पड़ रही है, क्योंकि प्रति टीन 15 लीटर घी महंगा हुआ है। बीते साल 6500 रुपए में मिलने वाला घी इस नवरात्र में 8082 रुपए प्रति टीन हो गया है। इसलिए घृत के मनोकामना ज्योत के लिए 300 रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं। जेल के दाम स्थिर होने से उसकी दर नहीं बढ़ाई गई है।
मां भवानी मंदिर की प्रमुख ज्योति पाण्डेय ने बताया कि इस बार ज्योत कलश की रसीद में कोई फेरबदल नहीं किए है। पुरानी दर पर ही तेल ज्योत के लिए 801 तो घी के लिए 1801 रुपए की रसीद काटी जा रही है। मंदिर में हर साल एक निश्चित संख्या में भक्तों के नाम से मनोकामना ज्योत जलवाए जाते हैं, इस बार भी यह व्यवस्था लागू है। ताकि श्रद्धालुओं को अपनी मनोकामना ज्योत जलाने व दर्शन पूजन करने में किसी तरह की असुविधा न हो। मां सर्वमंगला मंदिर, मां भवानी मंदिर मां मड़वारानी, मां महिषासुर मर्दिनी चैतुरगढ़, कोसगाई मंदिर, मातिनदाई, चोढ़ारानी, ग्वालिन दाई बिंझरा, चेपारानी, मां महामाया दीपका, अष्टभुजी मंदिर गेवरा, अय्यप्पा मंदिर, कंकालीन दाई दादर में चैत्र व शारदीय नवरात्र में 30 हजार से अधिक भक्तों के नाम से मनोकामना ज्योत जलाए जा रहे हैं। कोविड के बाद लोगों में इस नवरात्र ज्योत जलवाने आस्था बनी हुई है।

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