मौत के बाद प्रबंधन के बजाय समाज सेवी संस्था चरामेति फाउंडेशन ने कराया प्रशासन के सहयोग से अंतिम संस्कार

कोरबा 25 अप्रेल। एसईसीएल दीपका परियोजना में फोरमैन के पद पर में पदस्थ अनिल कुमार केवट ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। निधन के बाद वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए। हद तो तब हो गई जब इतने वर्षों की सेवा देने के बाद मृतक के परिवार को एसईसीएल दीपका से कोई मदद नही मिली। अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन व समाज सेवी संस्था को आगे आना पड़ा।

आपको बता दे कि मृतक अनिल कुमार का इलाज नेहरू शताब्दी चिकित्सालय गेवरा में चल रहा था। 56 वर्षीय अनिल कुमार केवट डायलिसिस के पेशेंट थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें किसी और अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। मौत के बाद शव एनसीएच गेवरा के मर्चुरी में रखने जगह मिली। लेकिन परिवार के आस तक टूट गई जब एसईसीएल से अंतिम संस्कार के लिए मदद नही मिली। चरामेती फाउंडेशन की एंबुलेंस से अंतिम संस्कार तक पहुंचा उसका शव।

मृतक की पत्नी श्रीमति दुर्गा केवर्त ने हताश होकर प्रशासन को पत्र लिखकर मदद मांगी और अंतिम संस्कार कराने गुजारिश की। चरामेति फाउंडेशन को पत्रकारों के माध्यम से जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया। फाउंडेशन द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया और परिवार की मौजूदगी में प्रशासन के सहयोग से अंतिम संस्कार किया गया। बता दे कि चरामेति संजीवनी सेवा के सदस्यों ने हिम्मत दिखाकर आगे आये और ड्राइवर खगेन्द्र साहू ने प्रशासन के सहयोग से एम्बुलेंस से शव शमसान घाट ले गए। वहीं अंतिम संस्कार संपन्न कराया गया। इस मौके पर स्थानीय प्रशासन से तहसीलदार शशिभूषण सोनी, दीपका टीआई हरिश्चंद्र डांडेकर सचिन थवाईत, पटवारी नीरज चन्देल, चरामेति फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रशांत महतो, गिरिश राठौर उपस्थित रहें।

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