लात घूसे से मारकर पत्नी की हत्या करने वाले पति को 10 साल की कैैद

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कटघोरा ने सुनाया फैसला

कोरबा 29 नवंबर। पारिवारिक विवाद को लेकर पत्नी को लात- घूसे व मुक्के से मारा। नसबंदी आपरेशन की वजह से महिला को पेट में चोट लगी और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले के आरोपित को न्यायालय ने 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

घटना 16 जुलाई 2021 की रात आठ बजे लोढी बहरा मातिन अंतर्गत थाना बांगो क्षेत्र की है। यहां निवासरत सुदंरलाल कोल व उसकी पत्नी नंदकुमारी को घरेलू बात को लेकर विवाद हो गया। इस पर नाराज सुंदरलाल ने पत्नी पेट को लात, मुक्का से मारा। घटना के वक्त सुंदरलाल का पुत्र आदित्य कुमार ने अपने भाई के यहां टीवी देख रहा था, तभी उसे एक लड़का आकर उसकी मां नंदकुमारी को उसके पापा सुंदर लाल द्वारा मारने की जानकारी दी। इस पर आदित्य घर पहुंचा तो उसने अपने पिता सुंदरलाल को नंदकुमारी को मारते देखा। उस वक्त नंदकुमारी बचाव-बचाव बोल रही थी। बाद में नंदकुमारी अपने पड़ोसी के घर जाकर बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है वह चल फिर नही पा रही है। इसकी जानकारी आदित्य ने अपने मामा शिवकुमार को दी। वहीं सुंदरलाल ने अपने छोटे बहनोई जय कुमार ग्राम खडगंवा जिला कोरिया को जानकारी देते हुए लोढी बहरा मातिन जाकर नंदकुमारी का इलाज कराने बोला।

अतिरिक्त लोक अभियोजक कटघोरा अशोक आनंद ने बताया कि 17 जुलाई 2021 को जय कुमार, नंदकुमारी को इलाज कराने पहले अपने गांव खडगंवा ले गया, पर वहां स्थिति नहीं संभलने पर नंदकुमारी को बोलेरो गाड़ी की व्यवस्था कर ईलाज के लिए रात में बिलासपुर ले जा रहा था, तभी कटघोरा पहुंचने के पहले रास्ते में रात 1.30 बजे नंदकुमारी की मृत्यु हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर शिवकुमार ने अपने जीजा सुदंरलाल कोल के विरूद्ध थाना बांगो में रिपोर्ट दर्ज कराया। पुलिस ने धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया और आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस आधार पर न्यायालय ने धारा 302 को परिवर्तित कर आरोपित को धारा 304 भाग दो के अपराध के लिए दंडित करते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर पैरवी अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक अशोक आनंद ने किया। इसमें उसने डाक्टर के साक्ष्य व प्रार्थी द्वारा किए गए रिपोर्ट व साक्ष्य को संदेह से परे प्रमाणित करने में सफल रहने पर आरोपित सजा पाने का भागीदार बना।

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