भ्रष्ट नौकरशाहों का स्वर्ग छत्तीसगढ़: विपणन निगम में 8 फीसदी रिश्वत का खुलासा, 9 लोगों पर FIR

रायपुर 21 अक्टूबर। राज्य सरकार के अधिकारी नवीन प्रताप सिंह तोमर भ्रष्ट आचरण में लिप्त पाए गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के DGM तोमर ने बिलों को पास करने के एवज में 8 प्रतिशत रिश्वत लेकर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित करने एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है। इस भ्रष्टाचार रैकेट में सी एस एम सी एल के और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो सकते हैं। कुछ और टेंडरों और आपूर्तिकर्ताओं के विवरण मिले हैं, जिन्हें जमा बिल राशि के 8% की दर से रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया था। ईडी ने धन शोधन (मनीलांड्रिंग) के अपराध की जांच उपरांत श्री तोमर सहित कुल 9 लोगों व अन्य पर एफआईआर दर्ज कराया है।

ईडी के डिप्टी डायरेक्टर श्री हेमंत की ओर से निरीक्षक कुमार विवेक पाटकर ने मामले में विवेचना उपरांत रिपोर्ट दर्ज कराया है। आरोपियों नवीन प्रताप सिंह तोमर तत्कालीन डीजीएम , बीआर लोहिया , अजय लोहिया , प्राइवेट व्यक्ति अभिषेक कुमार सिंह, तिजउराम निर्मलकर, नीरज कुमार, देवांश देवांगन , जितेन्द्र कुमार निर्मलकर , लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा एवं अन्य के विरुद्ध IPC 1860 की धारा 120-B एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं (संशोधन – अधिनियम 2018) की धारा 7(b) के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।

0 मामला कुछ इस तरह पकड़ाया
ईडी, धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (इसके बाद पीएमएलए, 2002 के रूप में संदर्भित) के प्रावधानों के तहत एक मामले की जांच कर रहा है। जांच के दौरान, निदेशालय ने इस तथ्य के साक्ष्य एकत्र किए हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) के DGM और प्रभारी MD नवीन प्रताप सिंह तोमर, मैन-पावर टेंडर ठेकेदारों से उनके बिलों को मंजूरी देने के बदले में नकद रिश्वत ले रहे थे। ईडी की टीम ने 29 नवम्बर 2023 को सीएसएमसीएल के कार्यालय के पास किए गए तलाशी अभियान के दौरान, अभिषेक कुमार सिंह व तिजउराम निर्मलकर को देवांश देवांगन व जितेंद्र कुमार निर्मलकर को 28.80 लाख रुपये नकद सौंपते समय पकड़ा। इन व्यक्तियों से पूछताछ में पता चला कि अभिषेक कुमार सिंह व तिजउराम निर्मलकर (नकद देने वाले) मेसर्स ईगल हंटर सॉल्यूशंस लिमिटेड के कर्मचारी हैं, जो सीएसएमसीएल को मैनपावर प्रदान करता है। उन दोनों ने स्वीकार किया कि अभिषेक कुमार सिंह को उनकी कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारी नीरज कुमार ने नवीन प्रताप सिंह तोमर (एमडी सीएसएमसीएल) के प्रतिनिधियों को 28.80 लाख रुपये की नकद रिश्वत सौंपने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, देवांश देवांगन, जितेंद्र कुमार निर्मलकर (रिश्वत प्राप्तकर्ता) ने स्वीकार किया कि उन्हें मेसर्स फॉर्च्यून बिल्डकॉन के मालिक, उनके रियल एस्टेट बॉस लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा द्वारा नकदी एकत्र करने के निर्देश दिए गए थे। लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन्हें नवीन प्रताप सिंह तोमर द्वारा नकदी एकत्र करने के लिए कहा गया था। उन्होंने नकदी संग्रह के लिए केवल अपने कर्मचारी (जितेंद्र) का मोबाइल नंबर नवीन प्रताप सिंह तोमर के साथ साझा किया। नीरज कुमार (मेसर्स ईगल हंटर्स) ने खुलासा किया कि नवीन प्रताप सिंह तोमर अक्सर अपने बिलों को मंजूरी देने के बदले में जनशक्ति(मैन पॉवर) एजेंसियों से बिल राशि का 8% की दर से अवैध रिश्वत मांगते थे। मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनी मेसर्स ईगल हंटर सॉल्यूशंस लिमिटेड ने हाल ही में सीएसएमसीएल ऑफिस में 3.43 करोड़ रुपये के बिल जमा किए थे, लेकिन तोमर ने बिल क्लियर करने के बदले में 29.40 लाख रुपये की रिश्वत देने के लिए मजबूर किया। तोमर ने उन्हें धमकी दी कि जब तक रिश्वत की रकम उन्हें नहीं दी जाती, उनके बिल क्लियर नहीं किए जाएंगे। इस प्रकार 29.40 लाख रुपये की नकदी मेसर्स ईगल हंटर सॉल्यूशंस लिमिटेड के बैंक खाते से 29.11.2023 को आईसीआईसीआई बैंक, रायपुर से निकाल ली गई। जांच में पता चला है कि 29.4 लाख रुपये में से 60,000 रुपये मेसर्स ईगल हंटर सॉल्यूशंस लिमिटेड के ऑपरेशन मैनेजर ने रख लिए और शेष 28.8 लाख रुपये की राशि अभिषेक सिंह व तिजाउराम को श्री तोमर द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को नकदी पहुंचाने के लिए सौंप दी। ईडी की टीमों ने नकदी से भरा एक काले रंग का बैग बरामद किया। नकदी और मोबाइल फोन जब्त कर आपत्तिजनक चैट और कॉल लॉग बरामद किए गए हैं।
ईडी के जांच निष्कर्षों से पता चलता है कि मनी लांड्रिंग में लिप्त होने के अलावा, राज्य सरकार के अधिकारी नवीन प्रताप सिंह तोमर भ्रष्ट आचरण में लिप्त हैं, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं का उल्लंघन है।

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